बिना ठहरे ही मुसलसल सफर तय करना होगा। बिना ठहरे ही मुसलसल सफर तय करना होगा।
तब देखा था जब अपनी ये आँखें खोली थी तब देखा था जब अपनी ये आँखें खोली थी
वही चमक हमारे वजूद में होगी वही खनक हमारी आवाज़ में होगी। वही चमक हमारे वजूद में होगी वही खनक हमारी आवाज़ में होगी।
पुरानी प्रीत का साथ पतंग और डोर जैसा ! पुरानी प्रीत का साथ पतंग और डोर जैसा !
जब कोई भूखा नसीब को कोसते हुए जूठा खाना बड़े प्यार से उठाता है तो उसे देख दिल पे वार हो ही जाता ... जब कोई भूखा नसीब को कोसते हुए जूठा खाना बड़े प्यार से उठाता है तो उसे देख दि...
जीवन-मृत्यु पे किसका वश है, उठकर अपना भविष्य संवारे। जीवन-मृत्यु पे किसका वश है, उठकर अपना भविष्य संवारे।